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जीवन की यात्रा-Hindi Motivational Story

जीवन की यात्रा -Hindi Motivational Story  Hello दोस्तो आप सभी का सारा का जहां ब्लॉग पर स्वागत है। दोस्तों आज का यहां ब्लॉग आप सभी के लिए बहुत ही दिलचस्प और मोटिवेशनल होने वाली है। दोस्तो जीवन की यात्रा इस ब्लॉग के जरिए से मैं आपको जीवन की यात्रा क्या है एक Hindi Motivational Story के माध्यम से जानेंगे।   एक मनोरम हिंदी प्रेरक कहानी के माध्यम से जीवन की यात्रा की खोज करें। • जीवन की चुनौतियों से निपटने के लिए बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और प्रेरणा प्राप्त करें। • विचारोत्तेजक और प्रेरक पढ़ने के लिए ब्लॉग पोस्ट देखें। • सारा का जहाँ ब्लॉग समुदाय में शामिल हों और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित हों। जीवन की यात्रा -Best Motivational Story On life  एक राजा ने अपने राज्य में रहने वाले लोगों के लिए एक महान राजमार्ग का निर्माण किया। लेकिन इसे जनता के लिए खोलने से पहले राजा ने एक प्रतियोगिता का फैसला किया । यह चुनौती यह देखने के लिए थी कि राजमार्ग पर सबसे अच्छा सफर कौन करता है, और विजेता को सोने का एक बॉक्स प्राप्त करना था। प्रतियोगिता के दिन सभी लोग आए। कुछ के...

मुंशी प्रेमचन्द की कहानी ईदगाह।Hindi story

सारा का जहां हिन्दी कहानियां महकता आंचल स्टोरी इन हिन्दी Sara ka jahan , Hindi story,mehkta Aanchal Stories in Hindi मुंशी प्रेमचन्द की कहानी ईदगाह।Hindi story     हैलो मेरे प्यारे दोस्तो, आज हम मुंशी प्रेमचन्द जी की कहानी ईदगाह हिंदी मे । यह मुंशी प्रेमचन्द जी की कहानी सारा के जहां मे, महत्वपूर्ण बातो की सही और सटीक जानकारी देने की कोशिश है। हमारा हमारा एकमात्र लक्ष्य हमारे सभी दोस्तो को एक ही लेख में सारी जानकारी देना है। ताकि आप लोगो का समय बर्बाद न हो। तो चलिए आगे पढ़ते है

दो रुपये में दुआHindi Motivational Story

दो रुपये में दुआ।Hindi Motivational Story। उर्दू के मशहूर शायर अल्लामा इकबाल एक दिन अपने कमरे में बैठे थे कि नौकर ने आकर खबर दी कि कोई पीर साहब मिलने आए हैं। खबर सुनकर इकबाल उनसे मिलने अपने मुलाकाती कमरे में पहुंचे। अभी वह पीर साहब से बात करने बैठे ही थे कि बाहर से एक मुरीद घबराया सा आया और पीर के पैरों पर गिरकर , 'हुजूर, जैसे ही खबर मिली कि आप यहां हैं, मैं भागा-भागा आ ।। हुजूर, मेरी हालत बेहद खराब है । मेरे सिर पर दो सौ रुपये उधार चढ़ गया है। आप मेरे लिए दुआ करें कि यह कर्ज 'उतर जाए।' यह कह कर दो रुपये पीर को भेंट दिए। पीर साहब ने दो रुपये अपनी जेब में डाले और हाथ उठाकर अपने मुरीद के लिए दुआ मांगने लगे। यह देख इकबाल से न रहा गया। उन्होंने भी तुरंत हाथ उठाए और ऊंची आवाज में दुआ करने लगे, 'ऐ खुदा, आजकल के पीर गुमराह हो गए हैं। उन्हें अक्ल दे और आजकल के मुरीदों को सही राह दिखा कि ये पीरों के झांसों में ना आएं। या इलाही, यह मुरीद कहता है कि इस पर दो सौ रुपये का कर्ज है। मगर यह नहीं जानता कि अब इस पर दो सौ नहीं, बल्कि दो सौ दो रुपये का कर्ज है।' इस बात पर पीर साहब को ब...

जंगल की दोस्ती । हिंदी कहानियां नई।

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जंगल की दोस्ती, पंचतंत्र की कहानी जंगल की दोस्ती । हिंदी कहानियां नई। सारा का जहां। जंगल की दोस्ती  जंगल में चूहों और हाथियों की कहानी: एक मनोरम ब्लॉग पोस्ट जो जंगल में चूहों और हाथियों की कहानी के माध्यम से दोस्ती और लचीलेपन के विषय की पड़ताल करती है।जंगल की दोस्ती की एक कहानी: कैसे चूहों और हाथियों ने विपरीत परिस्थितियों पर काबू पाया जानवरों का साम्राज्य अप्रत्याशित दोस्ती और अनोखे बंधन की अविश्वसनीय कहानियों से भरा है। ऐसी ही एक कहानी है जंगल में चूहों और हाथियों के बीच की अद्भुत दोस्ती। आकार और रूप-रंग में बहुत भिन्न होने के बावजूद, इन दोनों प्राणियों ने एक अटूट बंधन बनाया है जो सभी बाधाओं को दूर करता है। दोस्ती की यह कहानी न केवल दिल छू लेने वाली है, बल्कि यह हमें प्रतिकूल परिस्थितियों पर काबू पाने और उन लोगों के साथ समान आधार खोजने के महत्व के बारे में भी सिखाती है जो हमसे अलग लग सकते हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम जंगल में चूहों और हाथियों के बीच अद्भुत दोस्ती, उनके दैनिक जीवन और गतिविधियों और वे जंगल में एक साथ कैसे रहते हैं, इसका पता लगाएंगे। 1जंगल की कहानी परिचय:...

मूर्ख कछुआ

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मूर्ख कछुआ बहुत समय पहले की बात है। एक पा जो किसी गांव में एक नदी में रहता था। उस की उन बगुलो से दोस्ती थी। दोनों दोस्त एक साथ खूब मजा किया करते थे। एक बार उनके यह  बारिश नहीं हुई, जिस कारण वहां  नदी सुख गई। पशु पक्षी प्यास से मरने लगे। बगुले अपनी जान बचाने के लिये नदी छोड़ दूसरे स्थानों पर जाने लगे। बगूलों ने भी अन्य पक्षियों के साथ दूसरे जगह जाने का फैसला लिया जाने से पूर्व वह अपने मित्र कछुए से मिलने गये। उनके जाने की बात सुनकर कछुए ने उनसे उसे भी अपने साथ में ले जाने के लिए कहा इस पर बगुलों ने कहा कि यह भी उसे वहाँ छोड़ कर नहीं जाना चाहते  परन्तु   ले जा नहीं सकता और वह उड़कर कहीं भी जा सकते है। उनकी बात सुनकर बोला कि यह सच है कि वह नहीं सकता। परन्तु उसने पास इस समस्या का हल है। एकीकरों ने उतरी।। बोला तुम एक मजबूत डंडी लाओ। उस डंडी  के दोनों कोनों को तुम अपनी-अपनी चोंच मे पकड़ लेना और मैं उसी को बीच में से पकड़कर लटक जाऊंगा। इस प्रकार मैं भी तुम्हारे साथ जाऊगा और हम अपनी जान बचा सकेंगे।" बगुलों को कछुए की बात पसंद आ गई और वह वहां से चलने की ...

‌अच्छे लोग, बुरे लोग

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‌अच्छे लोग, बुरे लोग  बहुत समय पहले की बात है। एक बार एक गुरुजी गंगा किनारे स्थित एक गांव में अपने शिष्यों के साथ स्नान कर रहे थे। तभी एक राहगर आया और उनसे पूछा, 'महाराज, इस गांव में कैसे लोग रहते हैं, मैं अपने मौजूदा दरअसल, मैं अपने निवास स्थान से कहीं और जाना चाहता हूं ?' गुरुजी बोले, 'जहां तुम अभी रहते हो, वहां किस प्रकार के लोग रहते हैं ?' मत पूछिए महाराज, 'वहां तो एक से एक कपटी, दुष्ट और बुरे लोग बसे हुए हैं।' राहगीर बोला । गुरु जी बोले, 'इस गांव में भी बिलकुल उसी तरह के लोग रहते हैं, कपटी, दुष्ट, बुरे।' यह सुनकर राहगीर आगे बढ़ गया। कुछ समय बाद एक दूसरा राहगीर वहां से गुजरा। उसने भी गुरु जी से वही प्रश्न पूछा, 'मुझे किसी नयी जगह में रहना है, क्या आप बता सकते हैं कि इस गांव में कैसे लोग रहते हैं?' 'जहां तुम अभी निवास करते हो वहां किस प्रकार के लोग रहते हैं ?' गुरु जी ने इस राहगीर से भी वही प्रश्न पूछा। 'जी, वहां तो बड़े सभ्य, सुलझे और अच्छे लोग रहते हैं।' राहगीर बोला ।  'तुम्हें बिलकुल उसी प्रकार के लोग यहां भी...

बच्चो की कविताएं | Kids Poem in Hindi l Poem in Hindi

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बच्चो की कविताएं | Kids Poem in Hindi l Poem in Hindi  इस ब्लॉग के जरिए हम Kids Poom in Hindi बच्चों के लिए सबसे मजेदार  Poem in Hindi  मे लेकर आए है। यह  poem बच्चो को बहुत पसंद आती है।    यह पर जो बच्चों की कविताए प्रस्तुत की गई। है। वह उनके शिक्षा के स्तर में काफी लाभप्रद है । बच्चे की कविताए| Kids Poem in Hindi | Poem in Hindi   पकौड़ी आई पकौड़ी। छुन छुन छुन छुन तेल में नाची,  प्लेट में आ शरमाई पकौड़ी। आई पकौड़ी। हाथ से उछली मुँह में पहुँची, पेट में जा घबराई पकौड़ी। दौड़ी-दौड़ी आई पकौड़ी। मेरे मन को भाई पकौड़ी क्यू एक और मजेदार कविता                             चल रे मटके टम्मक टू  हुए बहुत दिन बुढ़िया एक,  चलती थी लाठी को टेक। उसके पास बहुत था माल,  जाना था उसको ससुराल । मगर राह में चीते, शेर,  लेते थे राही को घेर । बुढ़िया ने सोची तदबीर,  जिससे चमक उठे तकदीर । मटका एक मँगाया मोल,  लंबा- लंबा गोल-मटोल । उसमें बैठी बुढ़िया आप...