साहस की ताकत
साहस की ताकत
एक दिन सेवक उन फूलदानों की सफाई कर रहा था, सफाई करने के दौरान उसका हाथ एक फूलदान से लग गया और वह गिरकर टूट गया । राजा को जब इस बात का पता चला तो उसने उस सेवक को फांसी पर लटकाने का आदेश दे दिया। उनके राज्य में एक बूढ़ा व्यक्ति हुआ करता था । जब उसको यह बात पता चली वह फौरन राजा के पास गया और उस फूलदान को जोड़ने की बात कही और वह फूलदान रखे हुए स्थान पर पहुंचा। जैसे ही बूढ़े व्यक्ति ने देखा कि सारे फूलदान उसकी नजरों के सामने हैं, उसने फौरन उन सभी को लाठी से एक-एक करके तोड़ना शुरू कर दिया और देखते ही देखते सारे फूलदान टूटकर बिखर गए। राजा इस बात से बहुत क्रोधित हुआ और बोला, 'अरे मूर्ख ! तुमने यह क्या कर दिया? इसकी सजा जानते हुए तुमने सारे फूलदान तोड़ डाले, तुम्हें भी मृत्युदंड दिया जाएगा!' इस पर बूढ़े व्यक्ति ने दृढ़ता से जवाब दिया, 'महाराज ! एक फूलदानी के पीछे आप किसी को मृत्युदंड दे देते हैं. यदि हर फूलदानी के बदले आप हर व्यक्ति को मृत्युदंड देंगे तो भविष्य में 29 लोगों की जान जाने की संभावना थी क्योंकि हर फूलदान के पीछे एक व्यक्ति की जान जा सकती थी । इसलिए मैंने अपने इंसान होने का फर्ज निभाया है और आज मैंने 29 लोगों के प्राण बचाए हैं। अब आप शौक से मुझे फांसी दे सकते हैं, मुझे किसी भी तरह का दुःख नहीं होगा।' बूढ़े व्यक्ति के साहस ने राजा की आंखें खोल दीं। राजा को अपनी गलती का एहसास हो गया और उसने उस बूढ़े व्यक्ति व उस सेवक को माफ कर दिया तथा उनसे क्षमा भी मांगी।
सीख - जब हम साहस और निर्भीकता के साथ अपनी बात पर डटकर खड़े रहते हैं तो हम हर एक बुराई का अंत कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि हम साहसी बनें, कुछ गलत होते देखें तो चुप न बैठें । साहस और चरित्र का मेल ही कामयाबी दिलाता है।
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