तीन सीख
एक प्रतापी राजा के तीन बेटे थे । उन्हें सुयोग्य बनाने के लिए राजा ने उनकी 'मेरे दोनों बड़े भाई किसी अन्य वृक्ष को देखकर शिक्षा-दीक्षा की सर्वश्रेष्ठ व्यवस्था की । राजा ने अपने बेटों को हर विधा में बेहतर और पारंगत बनाया ।राजा चाहता था कि उसके पुत्र ही उसके राज्य की बागडोर संभालें । जब राजा बूढ़ा हो गया तो उसने | अपने सभी पुत्रों को अपने पास बुलाया । उसने कहा, 'पुत्र ! हमारे राज्य में नाशपाती का एक भी पेड़ नहीं है । इसलिए मैं चाहता हूं कि तुम सभी एक पेड़ की खोज में जाओ और वापस आकर मुझे यह बताओ कि वह कैसा होता है ।' लेकिन राजा ने एक शर्त भी रखी कि उनके तीनों बेटे और चार-चार माह के अंतराल में जाएंगे। इसके बाद तीनों आकर एक साथ प्रश्न का उत्तर देंगे । तीनों बच्चों ने एक साथ इस बात को स्वीकार किया। राजा का बड़ा बेटा सबसे पहले गया । उसके बाद मंझला और सबसे आखिरी में सबसे छोटा बेटा गया । सभी अपनी-अपनी खोज करके पिता के पाए वापस आए । राजा ने सभी से बारी-बारी से पूछा कि बताओ वृक्ष कैसा होता है? पेड़ बहुत अजीब है. उसमें न कोई पत्ती, न कोई फल । वह एकदम सूखा है. यह सुन तुरंत ही मंझले बेटे ने कहा, नहीं तो, वृक्ष तो बहुत हरा-भरा होता है लेकिन उसमें फल नहीं लगते हैं । बस यही एक बड़ी कमी है । यह सुन तुरंत ही सबसे छोटा बेटा बोला, नाशपाती का पेड़ हरा-भरा होता है । फलों से लदा हुआ होता है । मैंने खुद देखा है । ' तीनों बेटे अपनी-अपनी बात पर अड़ गए । तब उनके पिता ने कहा कि जो तुमने देखा, उसे ही सही मानो । वास्तव में वही सत्य है । तुम तीनों नाशपाती का ही वृक्ष देखकर आए हो । जो तुमने बताया है, वह उसी वृक्ष के बारे में है ।लेकिन तुमने अलग-अलग मौसम में उसे देखा है । राजा की बात सुनकर तीनों पुत्र एक-दूसरे का चेहरा देखने लगे । राजा आगे कहने लगा, 'पुत्रों मैंने जानबूझकर तुम तीनों को अलग-अलग मौसम में भेजा था ।
ऐसा मैंने तुम्हें जीवन की एक गहरी सीख देने के लिए किया था । किसी भी चीज को एक बार देख या जाच कर उसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त नहीं होती है । किसी भी व्यक्ति या वस्तु के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए उसका अवलोकन लंबे समय तक करना पड़ता है । किसी के बारे में राय जल्दी नहीं बनानी चाहिए । दूसरी, हर मौसम हमेशा एक- सा नहीं रहता । नाशपाती के वृक्ष पर जब भी मौसम का प्रभाव पड़ता है तो कभी वह सूखा तो कभी हरा- भरा हो जाता है । ऐसे ही जीवन के उतार-चढ़ाव में सुख-दुःख, सफलता-असफलता का दौर आता सबसे बड़े बेटे ने उत्तर दिया और कहा कि है । ऐसे में हमको भी हिम्मत बनाए रखनी होती है । मौसम की तरह बुरा समय भी गुजर जाता है । और तीसरी, विवाद में तब तक नहीं पड़ना चाहिए जब तक आपको दूसरे के पक्ष के बारे में न पता हो । दूसरे का पक्ष सुनना बेहद जरूरी है । इससे व्यक्ति का ज्ञानवर्धन होता है ।
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