मूर्ख कौआ और चालाक लोमड़ी की कहानी | Kauwa Aur Lomdi Ki Kahani

मूर्ख कौआ और चालाक लोमड़ी की कहानी |Kauwa Aur Lomdi Ki Kahani

एक समय एक लड़का पनीर खा रहा था कि एक कौवा उड़कर कहीं से आया और लड़के के हाथ से पनीर कर टुकड़ा झपट कर तेजी से एक वृक्ष के ऊपर जा बैठा, और मजे से पनीर खाने लगा। तभी एक लोमड़ी उधर से गुजरी उसने कौवे की चोंच में पनीर के टुकड़े को देखा और लालच से अपने होठों पर जीभ को फेरा। लोमड़ी ने कांवे से कहा "कौवे भाई तुम कितने प्यारे दिखते हो, तुम्हारे चमकीले पंख और नोकीली चोंच जब इतनी सुन्दर है, तो तुम्हारी आवाज कितनी मधुर होगी ?"

कौआ अपनी झूठी प्रशंसा सुन कर खुश हो गया, और जोर जोर से काँव -काँव करने लगा। ऐसा करते ही उसकी चोंच में पकड़ा हुआ पनीर का टुकड़ा नीचे गिर गया, जिसे लोमड़ी उठा कर भाग गई। चालाक लोमड़ी ने जाते जाते कहा "प्यारे कोए तुम्हारी आवाज तो बहुत अच्छी है पर बुद्धी नहीं है।"


सीख:- झूठी प्रशंसा करने वालों से बचो।

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