मुर्गी और बाज़
मुर्गी और बाज
एक बाज़ और एक मुर्गी आपस में बात कर रहे थे। बाज़ ने मुर्गी से कहा, "तुम एक अहसान फरामोश पक्षी हो ।"
"तुमने ऐसा क्यों कहा ?" मुर्गी ने गुस्से से पूछा। बाज़ ने जवाब दिया, "तुम्हारा मालिक तुम्हें खिलाता है, अगर वे तुम्हें पकड़ने आते हैं, तुम एक कोने से दूसरे कोने में उड़ने लगते हो। तुम एक कृतघ्न हो। मैं एक जंगली पक्षी हूं, फिर भी मैं हमेशा उन लोगों को खुश करता हूं जो मुझ पर दया करते हैं। मुर्गी ने चुपचाप पूछा, "मैंने सैकड़ों मुर्गियों को भूनते देखा है। अगर आप मेरी जगह होते, तो आप अपने स्वामी के पास कभी नहीं जाते। जबकि मैं केवल कोने से कोने तक उड़ती हूं, आप पहाड़ी से पहाड़ी तक उड़ते हैं।"
शिक्षा : बिना पूरी बात जाने, किसी निर्णय पर नहीं पहुंचना चाहिए।
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