मूर्ख बिल्लियाँ

मूर्ख बिल्लियाँ
एक बार एक बिल्ली ने सड़क पर रोटी का एक टुकड़ा पड़ा देखा। एक और बिल्ली ने भी देखा। और दोनों एक ही समय में उस पर झपट पड़े। बिल्लियाँ लड़ने लगीं ।

कुछ समय बाद पहली बिल्ली ने सुझाव दिया कि वे रोटी को दो बराबर टुकड़ों में बांट लें। इसी बीच एक बंदर वहां आ गया। बिल्ली ने बंदर से रोटी को दो बराबर भागों में बांटने को कहा। बंदर बहुत चालाक था। उसने रोटी को दो टुकड़ों में बांट दिया और उनके आकार की जांच की लेकिन एक टुकड़ा दूसरे से बड़ा था, इसलिए उसने बड़े टुकड़े से काट लिया और खुद ने कहा लिया। फिर उसने देखा कि दूसरा टुकड़ा बड़ा था और उसने उससे भी काट लिया और फिर से बचा हुआ टुकडा खा लिया। वह कुछ देर तक ऐसे ही चलता रहा और आखिर में उसने सारी रोटी खा ली, और बिल्लियों के पास कुछ भी नहीं बचा।

नैतिक शिक्षा : मूर्ख वह है जो दूसरे मूर्ख पर भरोसा करता है।

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